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बच्चों को पांच वर्ष तक माता-पिता को अपने सानिध्य में ही रखना चाहिए: स्वामी आगमानंद

108 लोगों को आध्यात्मिक गुरु दीक्षा भी दी 

बच्चों को पांच वर्ष तक माता-पिता को अपने सानिध्य में ही रखना चाहिए: स्वामी आगमानंद

108 लोगों को आध्यात्मिक गुरु दीक्षा भी दिया गया

नव-बिहार समाचार, बांका। पुरानी ठाकुरबाड़ी में माता पार्वती, भगवान गणेश और नंदी की प्रतिमा स्थापना का तीन दिवसीय समारोह बुधवार को संपन्न हो गया। संपूर्ण कार्यक्रम जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिघ्य में हुआ। इस दौरान तीन दिनों तक स्वामी आगमानंद ने भगवान राम की कथा सुनाई। श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर और श्री उत्तरतोताद्र मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान राम का जन्म- बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार, के लिए हुआ। उन्होंने कहा कि पांच वर्षों तक राम और उनके चारों भाइयों के साथ हनुमान जी ने अयोध्या में एक-साथ खूब खेल खेला। इस दौरान राम और हनुमान के बीच हुए कई प्रसंगों को भी उन्होंने सुनाया। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे धूल में खेलते हैं और माता व दशरथ बड़े ही स्नेह से गोद से सभी को उठाते हैं। इस बात की चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को धूल में खेलने का क्या महत्व है। आजकल के बच्चे को धूल में नहीं खेलने दिया जाता। खाली पैर चलने नहीं दिया जाता है। बच्चों को तीन वर्ष से ही पढ़ने के लिए स्कूल भेजा जाता है। जबकि बच्चे को पांच वर्ष तक माता-पिता को अपने सानिध्य में रखना चाहिए। बच्चों को पांच वर्ष तक माता और गाय के दूध का सेवन कराएं। उन्होंने वर्तमान में गाय की सेवा और गो पालन की दुखदायी स्थति पर भी चर्चा की। कहा के बच्चे आज कल अपने माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका बढ़ावा खुल के वृद्धाश्रम के कारण भी हो रहा है। भारत में वृद्धाश्रम की क्या जरुरत है। साथ ही कहा कि भारत अगर अपने अतीत को याद करे और खुद को भारत बनाकर रखे तो कोई भी देश हमारे देश को पराजित नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई ऐसे हथियार बहुत पहले थे, जिसका आज कोई भी देश निर्माण नहीं कर सका है। कथा के दौरान स्वामी आगमानंद ने रावन को पराजित कर पुन: अयोध्या का राजकाल संभालने तक की चर्चा की।

इससे पहले वेद विद्यापीठ गुरुधाम के पंडित रतीश चंद्र झा और अनिरूद्ध शास्त्री के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई। स्वामी आगमानंद ने आज 108 नए लोगों को आध्यात्मिक गुरु दीक्षा भी दिया। मौके पर बलवीर सिंह बग्घा, सुबोध दा, पवन दुबे, श्रवण कुमार सिंह, गुलशन, दीनदयाल ने एक से बढ़कर एक भजन सुनाए। झारखंड के श्रम एवं उद्योग मंत्री संजय यादव ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वामी आगमानंद का आशीर्वाद समी को मिले, यही कामना है। कार्यक्रम में अमर कुमार मिश्रा, सच्चिदानंद तिवारी, कुमार गौरव, कुमार विवेक, कुंदन बाबा, अभिनव वशिष्ठ, डा. संजीव कुमार चौबे, दीपक कुमार सिंह, राधव कुमार सिंह, नीरज कुमार सिंह, प्रो. विवेक कुमार, मधुव्रत चौधरी, आलोक कुमार सिंह कुंदन, वंशीधर यादव, अशोक कुमार गुप्ता, विलटीज, आशीष कुमार पांडेय, रविशंकर सिंह, प्रदीप कुमार मंडल, राजीव रंजन, संतोष कुमार, वरिष्ठ पत्रकार मनोज उपाध्याय ने स्वामी आगमानंद का माल्यार्पण किया। संचालन दिलीप शास्त्री ने किया। इस अवसर पर श्री शिवशक्ति योगपीठ के स्वामी शिवप्रेमानंद भाई जी, पंडित ज्योतिन्द्रानाथ महाराज, स्वामी मानवानंद, मनोरंजन प्रसाद सिंह, पंडित प्रेम शंकर भारती, चंद्रकांत पाठक, मनोहर झा आदि ने संबोधित किया।

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