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नवगछिया में मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने सड़कों पर उतर कर किया चक्का जाम, बताया सफल

नवगछिया में मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने सड़कों पर उतर कर किया चक्का जाम, बताया सफल

राजेश कानोड़िया, नवगछिया, भागलपुर। केंद्र की एनडीए सरकार के इशारे पर भारतीय चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने बुधवार को रेलवे स्टेशन परिसर नवगछिया से सब्जी पट्टी, वैशाली चौक, मुख्य बाजार, महराज चौक, मक्खातकिया चौक होते हुए पुनः गौशाला रोड, हड़िया पट्टी आदि जगहों पर घूमते हुए शांतिपूर्ण तरीके से बाजार को बंद कराया। तत्पश्चात एन एच 31 पर चक्का जाम कर दिया। अंत में स्टेशन परिसर चौक नवगछिया पहुंचकर कार्यकर्म समाप्त किया गया।
झंडे – बैनर से लैस इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान, केंद्र की मोदी और राज्य की नीतीश सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए और ‘मताधिकार बचाने – लोकतंत्र बचाने की लड़ाई को तेज करने का आह्वान किया। और मांग किया कि गरीबों की वोटबंदी महागठबंधन को मंजूर नहीं। मतदाताओं का एसआईआर बंद करो।

प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव सह पूर्व गोपालपुर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी शैलेश कुमार, राजद जिला अध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, जिला प्रधान महासचिव संजय कुमार मंडल, जिला प्रवक्ता कपिल देव मंडल, भाकपा-माले के प्रखंड सचिव गौरीशंकर राय, प्रखंड कमिटी सदस्य, रवि मिश्र, गुरुदेव सिंह, वीआईपी के प्रो० विभांशु मंडल, जिला अध्यक्ष सुधीर सिंह, जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ पिंकी देवी, सीपीआई के अंचल सचिव शिव चंदर सिंह, प्रकाश मंडल, निरंजन साह, कांग्रेस शीतल प्रसाद सिंह, राजीव चौधरी, बालो सिंह, आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष सह पूर्व जिला सचिव राजद भागलपुर ने संयुक्त रूप से किए।
राजद नेता शैलेश कुमार ने कहा कि, आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में बिहार में अपनी निश्चित हार की डर से बौखलाई मोदी-नीतीश सरकार अब चुनाव आयोग के जरिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराकर बिहार के गरीब, शोषित, दलित, एस-सी, एस-टी तथा अल्पसंख मतदाताओं से मताधिकार छीनने अथवा वोटबंदी की साजिश कर रही है। यह वोटबंदी ठीक उसी प्रकार की साजिश है जैसे 2016 की नोटबंदी थी –
चुनाव आयोग के द्वारा यह गरीबों को निशाना बनाने वाली एक जनविरोधी कार्रवाई। हाल ही में चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर बिहार के मतदाता सूची को एक महीने के भीतर अपडेट करने की बात कही है। और इसके लिए राज्य के 8 करोड़ मतदाताओं से नागरिकता संबंधी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे बड़ी संख्या में गरीब, मजदूर, खेतिहर, प्रवासी मजदूर और वंचित वर्गों के पास नहीं हैं।

माले नेता गौरीशंकर राय ने कहा कि जुलाई का महीना कृषि कार्यों का महीना है। करोड़ों की संख्या में बिहार के मजदूर बाहर हैं। ऐसे में यह प्रक्रिया लाखों लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने का जरिया बन सकती है। यह संविधान प्रदत्त सार्वभौमिक मताधिकार पर हमला है और लोकतंत्र की खुली हत्या है। बिहार के मेहनतकश नागरिकों ने लंबे संघर्षों के जरिए जो मताधिकार हासिल किया, उसे हम किसी भी कीमत पर छीनने नहीं देंगे। भाकपा-माले ने इसके खिलाफ गांव-गांव में जनअभियान शुरू किया है और यह 31 जुलाई तक चलेगा। उन्होंने अपील किया कि इस तानाशाही फरमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, जनसभाएं और जोरदार जनांदोलन खड़ा करें और अपने वोट और लोकतंत्र की रक्षा करें।

बिहार बंद और चक्का जाम में शामिल थे नवगछिया प्रखंड अध्यक्ष हिमांशू यादव, नगर अध्यक्ष तनवीर अहमद, प्रमोद चौबे, धर्मेंद्र यादव, महमूद गजनवी, मोहम्मद मुनव्वर, राजेश यादव, महेश फौजी, अशोक यादव, गौरीशंकर यादव, मेही दास, भाकपा माले , राधे श्याम रजक, अमीरराम, राजेंद्र पंडित, जयप्रकाश शर्मा,राम चरण मंडल, वीरेंद्र सिंह, किशन राम,रुदल मंडल, अनिरुद्ध,राम, सीपीआई के आदित्य कुमार, अरविंद साह, रामदेव साह, ब्रह्मदेव यादव, मो मुश्ताक, नरेश शाह, रणवीर कुमार, नगीना यादव, खगेश यादव, श्रीकांत यादव, विजय यादव, सहित सैकड़ों की संख्या में इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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