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देश की रक्षा के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ नवगछिया का संतोष कुमार यादव

इलाके में दौड़ी शोक की लहर

देश की रक्षा के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ नवगछिया का संतोष कुमार यादव

राजेश कानोड़िया, नवगछिया | देश की रक्षा के दौरान जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सोमवार की रात आतंकियों से मुठभेड़ में नवगछिया के जवान संतोष यादव (40) शहीद हो गए। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की गोली उनके पैर में लगी थी। उनके साथी जवान उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। जो इस्माईलपुर प्रखंड के पछियारी टोला के रहने वाले चंद्रदेव यादव के पुत्र थे। वह आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात थे। संतोष के साले रूपक यादव ने इस घटना की जानकारी परिजनों को दी। वह भी नौशेरा सेक्टर में ही तैनात हैं। शहीद के छोटे भाई अभिनव कुमार ने बताया कि सोमवार रात संतोष से एक मिनट बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि यहां ते हालात अभी ठीक नहीं है। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया था।

अगले दिन मंगलवार की सुबह पांच बजे नौशेरा सेक्टर के कमांडर ने संतोष यादव के घर फोन कर कहा कि वे शहीद हो गए हैं। परिजनों ने बताया कि दो महीने पहले वह छुट्टी पर घर आए थे और एक महीने रहे थे। उन्होंने वीआरएस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वे कहते थे कि अब बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा में समय देना है। पति की शहादत के बाद पत्नी साधना देवी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे लोग भागलपुर में रहते हैं। जब अपने पुत्र की मौत की खबर मां शीला देवी ने सुनी तो वह भी दहाड़ मारकर रोने लगी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह सूचना सही है या गलत। वो बार बार कह रही थीं कि उनके पुत्र को दुश्मनों ने मार दिया। बेटे की मौत की सूचना से पिता चंद्रदेव यादव भी बेसुध हो गए। संतोष को तीन बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी दीक्षा कुमारी इसी साल 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की है। दूसरी बेटी दीप्ति कुमारी 9वीं क्लास और तीसरी बेटी इशिका 7वीं में पढ़ती है। सबसे छोटा बेटा लक्ष्य कुमार अभी चार साल का है।

बेटे को सेना की वर्दी पहनाना चाहते थे

शहीद संतोष भारतीय सेना में साल 2002 में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद सबसे पहले हिमाचल प्रदेश गए थे। इसके बाद वे अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में रहे। वह तीन साल से नौशेरा सेक्टर में तैनात थे। वह अपने बेटे को सेना की वर्दी पहनाना चाहते थे। अपने बेटे को कहते थे कि तुम्हें बड़ा अधिकारी बनना है। बेटियों को भी अधिकारी बनाना चाहते थे।

सुबह करीब 5:00 बजे सेक्टर कमांडर का फोन आया

शहीद संतोष यादव के छोटे भाई अभिनव कुमार बिहार पुलिस में हैं। भागलपुर बड़ी पोस्ट ऑफिस में तैनात शहीद के भाई अभिनव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से मंगलवार की सुबह करीब 5:00 बजे सेक्टर कमांडर का फोन आया था। उन्होंने रात में भी फोन किया था पर मैं फोन रिसीव नहीं कर सका।

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